saanson ki maala pe [nusrat fateh ali khan] |
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यही मेरी बंदगी है, यही मेरी पूजा ~~
इक का साजन मंदिर में, इक का प्रीतम मस्जिद में पर मैं ~~~~ साँसों की माला पे सिमरऊँ मैं पीई का नाम ~~ अपने मन की मैं जानू, और पीई के मन की राम ~~ प्रेम की माला जपते जपते, आप बनी मैं श्याम ~~ साँसों की माला पे सिमरऊँ मैं पीई का नाम ~~ प्रीतम का कुछ दोष नही है, वो तो है निर्दोष अपने आप से बाते कर के हो गई मैं बदनाम साँसों की माला पे सिमरऊँ मैं पीई का नाम ~~ |