शबद सबन से न्यारा ।। Shabad Saban se nyara ।। Kabir Bhajan ।। Prahlad Singh Tipanya |
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शबद सबन से न्यारा ।। Shabad Saban se nyara ।। Kabir Bhajan ।। Prahlad Singh Tipanya
___________________________________________________________________ Bhajan by : Sadguru Kabir Singer and Tambur : Padmashri Prahlad Singh Tipanya ___________________________________________________________________ भजन के बोल (Lyrics) साखी :- कबीर शब्द शरीर में,बीन गुण बाजे तात। बाहर भीतर रमी रहा, ताते छुटी भ्रांत।। शब्द हमारा हम शब्द के,और शब्द ब्रह्म का कुप। जो चाहे दीदार को, तो परख शब्द का रूप।। भजन:- शबद सबन से न्यारा रे संतो शब्द सबन न्यारा कोई जानेगा जानन हारा रे साधो शबद सबन से न्यारा…..…. 1. जोगी जती सती सन्यासी अंग लगावे क्षारा मूल मंत्र सब गुरु दया बिन कैसे उतरे पारा रे संतो शबद सबन से न्यारा….. 2. जोग यज्ञ वृत नेम साधना, कर्म धर्म व्यापारा वो तो मुक्ति सबन न्यारी, कद छूटे जम द्वारा रे संतो शबद सबन से न्यारा….. 3. निगम नेती जाके गुण गावे, शंकर जोग अधारा ब्रह्मा विष्णु जो ध्यान धरत है, सो साधु अगम अपारा रे संतो शबद सबन से न्यारा…... 4. लगा रहे चरणन सतगुरु के, चंद्र चकोर की धारा कहे कबीर सुनो भाई साधो नख शिख शब्द हमारा रे संतो शब्द शब्द से न्यारा…... -------------------------------------------------------------------------------------------------------------- Our Official Social Media Links : www.facebook.com/PrahladTipanya www.instagram.com/PrahladSinghTipaniyaOfficial www.twitter.com/TipanyaOfficial www.youtube.com/PrahladSinghTipanya -------------------------------------------------------------------------------------------------------------- Artist Managed By : Worthever Multimdia Solutions www.worthever.com For Bookings Please Contact on our Social Media Inbox. |